• यू०पी० स्टेट एग्रो इंडस्ट्रियल कारपोरेशन लिo

स्थापना एवं उद्देश्य

• हरित क्रान्ति के उद्देश्य को सफल बनाने के दृष्टिकोण से अखिल भारतीय स्तर पर एग्रो इण्डस्ट्रियल कारपोरेशन की स्थापना की श्रेंखला में यू०पी० एग्रो की स्थापना 29 मार्च 1967 को कंपनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत भारत सरकार एवं राज्य सरकार के संयुक्त अंशपूंजी विनियोजन से की गई । वित्तीय वर्ष 1978-79 तक भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वागा निगम में बराबर-बराबर अंशपूंजी तिनियोजन किया जाता रहा थी। निगम की स्थापना के वर्ष ॥967 में चुकता पूंजी रू. 3.00 करोड़ थी, जिसमें से भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार का बराबर - बराबर पूंजी अंशदान था । वर्ष 1978-79 में राष्ट्रीय विकास परिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार भारत सरकार की अंशपूजी विनियोजन स्टेट एग्रोज में बन्द कर दिया गया तथा एग्नो की योजना राज्य सरकारों को हस्तान्तरित कर दी गई। तत्पश्चात्‌ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यू0पी0 एग्रो में अंशपूंजी विनियोजन किया जाता रहा, वर्तमान में निगम की अधिकृत एवं प्रदत्त पूंजी रू, 60,00 करोड़ एवं चुकता पूंजी रु 59.76 करोड़ हो गई है।



प्रबन्ध एवं प्रशासन

निगम निदेशक मण्डल द्वारा संचालित है। महामहिम राज्यपाल महोदय द्वारा यू० पी० स्टेट एग्रो के निदेशक मण्डल में निम्नलिखित को निदेशक नामित किया गया है, जिसकी अध्यक्षता अध्यक्ष महोदय द्वारा की जाती है :-

क्र0 सं0 नाम/ पदनाम सरकारी निदेशक
1 प्रमुख सचिव , कृषि ,उत्तर प्रदेश शासन। निदेशक
2 प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश स्टेट एग्रो इण्डस्ट्रियल कारपोरेशन लि0। निदेशक
3 प्रमुख सचिव, वित्त, उत्तर प्रदेश शासन अथवा उसके द्वारा नामित प्रतिनिधि जो विशेष सचिव स्तर से कम न हो। निदेशक
4 प्रमुख सचिव, नियोजन, उत्तर प्रदेश शासन अथवा उसके द्वारा नामित पतिनिधि जो विशेष सचिव स्तर से कम न हो। निदेशक
5 प्रमुख सचिव, सार्वजनिक उद्दयम ब्यूरो, उत्तर प्रदेश शासन अथवा उसके द्वारा नामित प्रतिनिधि जो विशेष सचिव स्तर से कम न हो। निदेशक
6 संयुक्त सचिव , भारत सरकार , कृषि , नई दिल्ली निदेशक
7 कृषि निदेशक, उत्तर प्रदेश , लखनऊ निदेशक



वित्तीय एवं भौतिक उपलब्धियां

1. निगम द्वारा कृषि यन्त्रीकरण व्यवसाय के अन्तर्गत कृषि विभाग की विभिन्‍न योजनाओं में कृषियंत्रो वितरण कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त अन्य योजनाओं के अन्तर्गत विभिन्‍न प्रकार के कृषिंयंत्र एवं अन्य सामग्री तथा मा0 सांसद/विधायक निधि एवं अन्य योजनाओं के अन्तर्गत नये हैण्डपम्प अधिष्ठापन का कार्य कराया जा रहा है ।
2. प्रदेश के कृषि क्षेत्र को और अधिक उपजाऊ बनाने हेतु कृषि विभाग की माँग के अनुसार जिप्सम की समय से आपूर्ति करायी की जा रही है ।
3. इसी वर्ष मे गेहूँ/धान बीज का वितरण कराया गया जिससे कृषकों को मानकों के अनुसार उचित मूल्य पर कृषि निवेश भी उपलब्ध कराये जा रहे है |
4. निगम द्वारा पशु आहार का उत्पादन करके पशुपालकों एवं पशुपालन विभाग को वितरण/आपूर्ति की जा रही है।
5. निगम द्वारा संचालित कृषि वर्कशाप में इस वर्ष कृषि यंत्र, ट्रैक्टर, ट्राली, हत्थू ठेला, वाटर टैंकर एव ट्रांसफार्मर कैरियर का व्यवसाय किया जा रहा है |
6. निगम में मूल्य सर्मथन योजना के अन्तरगत धान/गेहूँ का क्रय प्रदेश के किसानों से किया जा रहा है |
7. प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के अन्तर्गत इस अवधि में नये हैण्डपम्प तथा हैण्डपम्पों के रिबोर का कार्य सम्पन्न कराके पेयजल योजनाओं को क्रियान्वित किया गया। इससे निगम की आय में वृद्धि हो रही है।

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